Wednesday, July 16, 2025

फासले तो हैं उससे, पर इतने भी नहीं - कवि अनुभव शर्मा

No comments:

Post a Comment

जब बन गया हूँ मैं आइना सबसे बेहतर, तब लोग धूल तलाशते हैं चेहरों पे मेरे। - कवि अनुभव शर्मा

जब बन गया हूँ मैं आइना सबसे बेहतर, तब लोग धूल तलाशते हैं चेहरों पे मेरे। - कवि अनुभव शर्मा  #Anubhavsharma  #kavianubhav #kavianubhavsharma ...